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लैदधि निकसी अपनी बगर सौं, देखि मोहि दईगारी।।
रामप्रताप पकर बहियाँ मारी, घूंघट में पिचकारी।
लैदधि निकसी अपनी बगर सौं, देखि मोहि दईगारी।।
रामप्रताप पकर बहियाँ मारी, घूंघट में पिचकारी।