Search Your Song
छिटकत चैत के चँदनियाँ हो रामा, गोरी के अँगनवा।।
विरहा के मातल गोरी सुतली अँगनवा,
पिया बिन भावै ना भवनवा हो रामा।।
कोइली के बोलिया माहुर पियावे,
रहि रहि सताबेला मदनवा हो रामा।।