Search Your Song
झूमत आवै मोहन मतवारौ,
एरी सखी वाकौ ढंग है निरालौ।।
चपल नयन वाकी चितवन चंचल, श्यामसुन्दर काली कमली वारौ।।
मुख मुरलीधर अधर बजावत, वह नंदलाल जगत उजियारौ।।