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भाभी ने तन्दुल भिजवाए - खोले फिर कछु खाए।।
रहे बचे महलन भिजवाए - मित्र कौं कंठ लगाए।।
भाभी ने तन्दुल भिजवाए - खोले फिर कछु खाए।।
रहे बचे महलन भिजवाए - मित्र कौं कंठ लगाए।।