Search Your Song
बैंदी की बैंदी गई, और जोवन बारा बाट।।
सावन, भादों ऊनए, और रिमझिम बरसै मेह।
झूला झुलामें कामिनी, और गामें गीत मल्हार।।
ऊँचौ सहर पटना बसै, और नीचै लगत बजार।
पाट पुहावन धन चली, बारौ लौहरों दिवर लियें साथ।।