Search Your Song
सखी जा फागुन में, सैंया अजहूँ न आयौ री।।
जब सौं गये सैंयाँ भये है बाई के, किन सौतिन बिरमायौ री।।
बीती जाति बहार होरी की, बिरहा ने मदन जगायौ री।।