Atul Chaturvedi : An Introduction
अतुल चतुर्वेदी
प्रसिद्ध उद्योगपति, निर्यातक और समाजसेवी श्री अतुल चतुर्वेदी का जन्म 14 अक्टूबर 1961 को उत्तर प्रदेश के फिरोज़ाबाद जिले में हुआ था। वे स्व. अशोक चंद्र चतुर्वेदी और स्व. श्रीमती रजनी चतुर्वेदी के सुपुत्र हैं। अपनी प्रारंभिक शिक्षा इलाहाबाद के भारत भारती विद्यालय और लखनऊ के कॉल्विन ताल्लुकेदार्स कॉलेज से प्राप्त करने के बाद, उन्होंने 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परा-स्नातक की उपाधि अर्जित की। इसके बाद, उन्होंने काँच उद्योग में नवाचार और उत्कर्ष की दिशा में कदम बढ़ाए, जो उन्हें इस क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाने में सफल रहा।
अतुल चतुर्वेदी का परिवार भारतीय काँच उद्योग के लिए एक प्रतिष्ठित नाम है। उनके बाबा, स्व. सुशील चंद्र चतुर्वेदी काँच उद्योग के अग्रणी लोगों में थे, और उनके पिता, स्व. अशोक चंद्र चतुर्वेदी न केवल एक महान उद्योगपति थे, बल्कि समाजसेवा के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता और फिरोज़ाबाद नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष के रूप में उनके योगदान ने उन्हें एक आदर्श व्यक्तित्व बना दिया।
अपने परिवार की कड़ी मेहनत और समर्पण से प्रेरित होकर, अतुल चतुर्वेदी ने काँच के हस्तशिल्प और होम डेकोर उद्योग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख निर्यातक और उत्पादक के रूप में अपनी पहचान बनाई। 2000 के दशक में, उन्होंने एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों की आयोजन समिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारतीय काँच उद्योग को वैश्विक मंच पर पहचान मिली।
श्री अतुल चतुर्वेदी का दृष्टिकोण समाज, इतिहास और संस्कृति के प्रति गहरी रुचि से प्रेरित है। उनका लेखन और कविता के प्रति प्रेम उनके विचारों में एक नई ऊर्जा और दृष्टिकोण का संचार करता है। उन्होंने विश्व के विभिन्न देशों की यात्रा की है, जिससे उनके दृष्टिकोण को और व्यापकता मिली है। विशेष रूप से, श्री माथुर चतुर्वेदी समुदाय के इतिहास और संस्कृति के प्रति उनकी रुचि ने उन्हें यूट्यूब पर चतुर्वेदी हैरिटेज के तहत प्रेरणादायक वीडियो बनाने की प्रेरणा दी। अतुल चतुर्वेदी The Wisdom Weave with Atul Chaturvedi नाम से एक पॉडकास्ट भी करते हैं जिस पर अनेक रोचक और ज्ञानवर्धक चर्चा होती हैं।
हाल ही में, उन्होंने अपनी पुस्तक सियाहत मेरी स्याही से: भारत की तुम से आप तक की यात्रा प्रकाशित की है, जो न केवल उनके अंतरराष्ट्रीय यात्रा अनुभवों की कहानी है, बल्कि निर्यातक बनने की उनकी यात्रा को भी अत्यंत रोचक और प्रेरणादायक तरीके से प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक उनके जीवन के अनगिनत प्रेरणादायक अनुभवों और वैश्विक व्यापार यात्रा के संघर्ष और सफलता की गाथा है।
श्री अतुल चतुर्वेदी और उनकी पत्नी श्रीमती रचना चतुर्वेदी फिरोज़ाबाद में निवास करते हैं। उनके छोटे भाई श्री अभिनव चतुर्वेदी (पत्नी नीता और पुत्र अभीष्ट) और वह साथ ही पारिवारिक व्यावसायरत हैं।अतुल की छोटी बहन श्रीमती अर्चना चतुर्वेदी और बहनोई प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक डॉक्टर अपूर्व चतुर्वेदी हैं। अतुल चतुर्वेदी के पुत्र अर्पित और पुत्रवधु उपासना अमेरिका में रहते हैं, जबकि उनकी पुत्री कु0 ऐश्वर्या दिल्ली में एक प्रतिष्ठित लॉ फर्म में कार्यरत हैं। अतुल चतुर्वेदी का जीवन केवल काँच उद्योग में प्रगति का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह समाज सेवा, सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा और वैश्विक व्यापार के क्षेत्र में भारतीय उद्यमिता की एक प्रेरणादायक मिसाल भी प्रस्तुत करता है।