
नोएडा से फ़िरोज़ाबाद तक कोरोना काल यात्रा वृत्तांत। (28 मार्च 2020 शनिवार)
मै सौम्या चतुर्वेदी फिरोजाबाद 2019 की अपनी यात्रा वृत्तांत पेश कर रही हूं जब मै पहली बार दहलीज से अपनी पोस्ट ग्रेजुेएशन पूर्ण करके अच्छी कंपनी में नोकरी की तलाश करने के लिए नोएडा तक सफर पर निकली । मेरे घर के बुजुर्गो के आशीर्वाद एवं भगवान की असीम कृपा से मुझे नोकरी मिल गयी और कहते हैं बिना गणेश जी का नाम लिए और उनकाे पूजे बिना कोई काम सफल नही होता मुझे तो खुद गणेश जी ने ही उस दिन अपना कैरियर शुरू करने का मौका दिया जब मैने कंपनी मै इंटरव्यू दिया और मै वहाँ चयनित हो गयी ।मुझे 2 सितंबर को जॉयन करने को कहा गया उस दिन गणेश चतुर्थी थी। मैने भी बिना देर किये उस कंपनी में कार्य भार ग्रहण अपने कैरियर का श्री गणेशाय कर दिया। मुझे कंपनी में कैरियर की शुरुआत किए हुए एक साल ही व्यतीत हुआ था कि अगले वर्ष 2020 मैं कोरोना जैसी बीमारी का भंयकर कालचक्र आ गया और यह कोरोना जैसी बीमारी इतना भयानक रूप लेने लगी कि 25 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पहले लॉक डाउन घोषणा कर आवागमन के सभी परिवहन के साधनों पर एकाएक रोक लगाते हुए मेरे सामने विचित्र स्थिति पैदा कर दी क्योंकि मैं लड़कियों की पीजी में फसी हुई थी सभी कंपनियों को बंद रखने के सख्त आदेश सरकार व्दारा अधिकारियों को दे दिए गए थे भयंकरतम हर गली-मोहल्ले में लोगों के मध्य मारामारी मची हुई थी कोरोना वायरस से लोगों की मृत्यु हो रही थी
वैसे तो 25 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया मगर मै उससे पहले ही लॉकडाउन वाली हालत मै थी। और मै अकेली नोएडा मैं सेक्टर 62 स्थित पीजी में अकेली फँसी हुई थी और मैं खाने पीने के लिए भी पूर्णतया अपने पीजी पर ही निर्भर थी।इसलिए घर परिवार के लोगों के करीब करीब रोज फोन आने लगे थे। लग रहा था जैसे अगले 21 दिन जेल मै ही बीतेंगे।मै पीजी में अकेली थी वहाँ की खाने पीने की व्यवस्था भी धीरे धीरे कम हो रही थी जब मैने ये बात अपने घर पर बताई तो मेरे पिताजी श्री शैलेंद्र चतुर्वेदी मुझे घर लाने की कोशिश मै जुट गए।
28 मार्च 2020 शनिवार सुबह लगभग 8 बजे मेरे पास पापा का फोन आया और पापा ने मुझे बताया कि सरकार द्वारा लिए गए निर्णय से अवगत कराते हुए बताया कि परिवहन विभाग व्दारा दिल्ली स्थित आंनद बिहार परिवहन डिपो से11 बजे के बाद उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की रोडवेज बसें चलने वाली है उस बस से तुम आटो से सैक्टर 37तक पहुंच रोडवेज बस पकड़ अपना थोड़ा बहुत सामान रख कर वहाँ से निकल आओ। ये सुनकर मै जल्दी अपना सामान तैयार कर अपना बैग लगाने लगी और तैयार होकर मै वहाँ से निकल आई लेकिन वहाँ सेक्टर 62 मै खड़ी होकर काफी देर तक इंतजार करती रही सेक्टर 37 जाने के लिए वहाँ जाने के लिए कोई रिक्शा ऑटो तैयार ही नही था ।
वहीं दुसरी तरफ फिरोजाबाद में बैठे मेरे पापा इस लॉकडाउन की वजह से लगे कर्फ्यू में मिली छूट में परिवहन की बस में बैठ कर सफर कैसे पूरी होगी बस मिल पाएगी या नहीं इसे लेकर चिंता फिक्र में थे वे मुझे बार बार फोन करके पूछने में लगे थे मैं वहाँ से निकली या नही जब मैने उन्होंने सारी बात बताई तो पापा बोले की इमर्जेंसी नंबर पर कोशिश करो मैने वह भी कोशिश करी लेकिन वह भी नाकामयाब रही। जब मैने पापा को बताया तो पापा बोले पीजी पर लौट जाओ उस समय मै वहाँ अकेली थी इस वजह से मै वापस पीजी मै लौट आई।
अब वहाँ से मै पीजी पर लौट तो आई लेकिन मन ही मन चल रहा था की अगर मै यहाँ से नही निकल पायी तो यहाँ कैसे रहूँगी क्योकि साथ के सब लोग अपने अपने घर पहुँच चुके थे और पीजी मै जो व्यवस्थाऐ थी वो भी धीरे धीरे सब बन्द हो रही थी।
जहाँ मै निराश मन से पीजी मै थी वही पापा मुझे वहाँ से निकलवाने के लिए फिर से कोशिश मै जुट गए और पापा ने अपने भाईयों से बात करना शुरू की पापा ने जब अपने बड़े भाई श्री अनिल चतुर्वेदी नीलमणि को ये बात बताई तो वो उन पर थोड़ा गुस्सा हुए क्योकि उन्हे ये मालूम पड़ा की मै घर पर अभी नही आ पायी हूँ।
चिंता करते हुए उन्होंने मेरी सारी जानकारी मंगवाई नाम, पता, मोबाइल नंबर, पीजी का नाम इत्यादि, इसके बाद उन्होंने फिरोजाबाद के उधोगपतिजाने माने कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता एवं समाजसेवी
श्री अतुल चतुर्वेदी जो की मेरे बड़े भाई हैं उनसे बात करी और उन्हे सारी बात बताई।
अतुल भाई साहब की जान पहचान अच्छी थी तो उन्होंने तुरंत नोएडा के डीएसपी ऐएसपी से बात करी और मुझे वहाँ से निकलवाने का इंतजाम करवाया चूकि समय निकलता ही जा रहा था मैने अपने बड़े भाई से खुद बात करी और भैया ने मुझे सांत्वना देते हुए कहा की बेटा चिंता मत करो जल्दी से जल्दी वहाँ से निकलवाते हैं।
उन्होंने मुझे डीएसपी ऐएसपी का नाम और मोबाइल नंबर दिया और कहा वो अभी थोड़ी देर मै तुम्हे कॉल करेंगे इतना सुनते ही मै खुश हो गयी और एक उम्मीद मन मै जाग गयी की मै जल्दी ही अपने घर पहुँच जाऊंगी।
जैसा कि भैया ने कहा की थोड़ी देर मैं कॉल आयेगा और थोड़ी देर मै डीएसपी सर का कॉल आया और उन्होंने मुझसे बात करके मुझे ऐएसपी सर का नंबर दिया ।
और उनसे बात करने के बाद थोड़ी देर बाद ही मुझे वहाँ से सुरक्षित पुलिस की जीप मै बैठाकर बस तक पहुँचाने की व्यवस्था हुई क्योकि उस समय बस मै बहुत भीड़ थी पैर रखने तक की जगह नहीं थी बस देखते ही सवारियां बस पकड़ने के लिए बस पीछे दौड लगाते लेकिन रोडवेज बसें इतनी फुल चल रही थी कि सवारियां ठूंसा ठूंस भरी हुई थी और कोई बस रुकने को तैयार नही थी। लेकिन डीएसपी ऐएसपी सर की मदद से मै लगभग दोपहर मै 3 बजे बस से नोएडा से फिरोजाबाद के लिए रोडवेज डिपो की बस से रवाना हुई। बस में डर लग रहा था कि कोरोना जैस वायरस से कैसे अपने आप को सुरक्षित रखे यह तो अच्छा हुआ नोएडा के डीएसपी एएसपी सर ने मुझे सेनेटाइजर की शीशी तथा नया मास्क मुझे देते हुए लगा कर रखने की सख्त हिदायत देते हुए 3 बजे रवाना किया ही नहीं वरन बस के ड्राइवर कन्डेक्टर को सख्त हिदायत दी कि बिटिया को गंतव्य स्टेशन तक सुरक्षित पहुंचा सरकारी प्रशासन को अवगत कराने को कहा। जब मैं बस में बैठ गई तो मैंने सारी स्थिति से अवगत कराया। उधर मेरे पापा मुझे फिरोजाबाद में मुझे बस स्टैंड से घर ले जाने के लिए व्यवस्था करनी शुरू कर दी चूंकि उस समय लॉकडाउन था और सड़के सूनसान थी पापा ने फिरोजाबाद के विधायक श्री मनीष असीजा जी से बात करी और उनकी अनुमति लेकर वो मुझे अपने साथ घर ले आये। मैं कोरोना वायरस जैसी महामारी के मध्य जब चारों ओर मौत का तांडव मचा हुआ कब किसकी मौत की खबर से रूह कांप उठती उस स्थिति में अपने भाई अतुल जी के प्रयासों से सुरक्षित गृह नगर फिरोजाबाद आ पाई इसके लिए उनका लाख लाख साधुवाद प्रगट करती हूं।आज उन पलों को याद करते ही पूरे शरीर के रोंगटे खड़े हो जाते हैं यह यादगार अपने सफर को में भुलाना चाहती हूं लेकिन रह रह कर वे पल मुझे आज भी रोमांचित कर जाते हैं
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