Pallavi Chaturvedi gets doctorate on her research in Wind Energy

पल्लवी चतुर्वेदी ने पवन ऊर्जा के उपयोग में पीएचडी प्राप्त की 

आज राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में होने वाले 13वें दीक्षांत समारोह में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की शोध छात्रा पल्लवी चतुर्वेदी को पी एच डी की उपाधि प्रदान की गई। 
पल्लवी यह दीक्षांत समारोह में उपाधि लेने मुंबई से कोटा आई है।
पल्लवी ने बताया कि उनका शोध पवन ऊर्जा के क्षेत्र में है। वर्तमान में हम पवन ऊर्जा से बिजली तो बना लेते हैं लेकिन उस बिजली को जब हम पारंपरिक तरीकों से बनाई हुई बिजली के ग्रेड में ग्रेड में विलय करते हैं तो उचित सिंक्रनाइजेशन synchronization के अभाव में इस प्रक्रिया में बहुत सी ऊर्जा का क्षय हो जाता है। 
पल्लवी ने बताया कि उन्होंने शोध करके एक नया एल्गोरिथम एवं सर्किट डिजाइन बनाया है जिससे पवन ऊर्जा से बने बिजली का हमारे पावर ग्रिड में उच्च क्षमता के साथ विलय किया जा सकेगा।

इस शोध से न सिर्फ पवन ऊर्जा के क्षय को रोका जा सकेगा अपितु और भी पवन ऊर्जा संयंत्र लगाने में बढ़ावा मिलेगा। जिससे हमारे देश एवं विश्व की अक्षय ऊर्जा उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। 

पल्लवी वर्तमान में मुंबई में निवास करती है जहां उनके पति श्री रजत हिंदुस्तान पैट्रोलियम में कार्यरत है एवं उनकी बेटी दीप्ता कक्षा 8 की छात्रा है। 

भारत में लगने वाले अक्षय ऊर्जा संयंत्रों की एनालिसिस करके बेहतर तरीके से इंस्टॉल करने में कंसल्टेंसी देना, एवं वाणिज्यिक तौर पर लाभदायक अक्षय ऊर्जा संयंत्र डिजाइन करना पल्लवी कि भविष्य की योजना है।