Dear friends The past week has been extremely active with number of important activities of National importance having taken place. The foremost amongst these, is the positive signals emanating from Ladakh. Consequent to the meeting at the levels of the Corps Commanders and diplomatic activities at the highest levels, the process of dis-engagement,de -escalation has begun. Having known the traits of the Chinese Govt and the PLA( People's Liberation Army) ,we need to be extremely cautious, vigilant and alert to every move of the Chinese. जो हमारी सशस्त्र सेनाओं ने, हमारी कूटनीति और मजबूत सरकार ने लद्दाख में शक्ति का प्रदर्शन किया है वह अवश्य ही सराहनीय है, अद्वितीय है। जिस प्रकार से सशस्त्र सेनाएं ताकत से डटी रही, प्रधानमंत्री ने लद्दाख में जाकर मजबूत संदेश दिया, कि 'विस्तारवाद' किसी भी हालत में स्वीकार नहीं है, और हम अपने देश की प्रभुता और अखंडता की रक्षा करने में सक्षम है, और करेंगे। यह हर भारतवासी के देशप्रेम के जज्बे को दर्शाता है। इसी कटिबद्धता, दृढनिश्चय और प्रतिबद्धता का ही प्रमाण है कि हमारे प्रधानमंत्री जी ने लद्दाख में अपने संदेश में हमारे पड़ोसी देश को बिल्कुल साफ शब्दों में बता दिया था कि हिन्दुस्तान कभी भी अपनी मात्रभूमि की रक्षा करने में पीछे नहीं हटेगा। भारत ने चोतरफा कार्यवाही करके, हर क्षेत्र में, जैसे कि आर्थिक, राजनीतिक, कूटनीतिक और सबसे महत्वपूर्ण सैनिक दृष्टि से चीन को घेरा, और विश्व में चीन को अलग-थलग कर दिया वह एक मिसाल है। चीन को भारत की असली ताकत और विश्व में उसकी मान्यता की पहचान कराकर उसको सही रास्ते पर आने के लिए मजबूर कर दिया। यही एक नैतिक और मानवता के मूल्यों पर चलने वाले देश की असीम ताकत होती है। "मेरा भारत मुझे जान से भी प्यारा है, हम किसी भी हालत में इसका शीश नहीं झुकने देंगे"। "ऐ वतन, ऐ वतन हमको तेरी कसम, तेरी राहों पर जां तक लुटा जायेंगे"। There is presently a trend, where Nationalism is being taken for granted. Let me categorical state,that Nationalism is to be inculcated by the people and passed on to the next generation. We have a great history,our culture our religion and our संस्कृति और संस्कार हमको देशप्रेम और देशभक्ति की प्ररेणा देते हैं। हम, हमेशा सही के साथ खड़े हुए हैं, हम धर्म के पुजारी है और धर्म की रक्षा करने में हमेशा प्रयत्नशील और सझम रहें हैं। हमको इतिहास में अपने वीर और वीरांगनाओं से प्ररेणा लेनी चाहिए। "राष्ट्र प्रथम" के अमर संदेश को जन-जन तक पहुंचाने में हमको अपना अपूर्व योगदान देना होगा। The tendency to create a divide in the Society by deliberately bringing the caste of criminals and the executive, is to say the least is abhorable and must be condemned by each and every Indian in the strongest terms. The criminals and the terrorists have no religion, they are only criminals and terrorists. The religion doesn't teach you to kill innocent people and also doesn't teach you to indulge in immoral and unethical acts. This, extremely dangerous trend for narrow political aims needs to be nipped in the bud. The Corona pandemic continues to spread at an abnormally high pace.we have crossed 8 lakhs figure of total infected cases. Although,it was expected,it still is worrying. We were luckily reasonably prepared due to the timely lockdown. As per the experts, the peak has not yet been reached. So the number of cases will still rise. One must learn from the experience of Delhi, where the joint efforts of all agencies have turned the tide of the spread in a positive direction for the Nation. The rate of growth has drastically come down and adequate facilities have been established to meet the challenge. प्यारे दोस्तों यह हिन्दुस्तान की लड़ाई है, इस युद्ध में हर भारतवासी योद्धा है। हम सबको , इस युद्ध में अपना योगदान करना है। इस महायज्ञ में हर एक भारतीय सैनिक की भूमिका में हैं। हम सब को मिलकर भारत को सफलता दिलानी है,अपनी आहुति देनी है। हम सब अपने प्यारे भारत के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर कर देंगे और अपने साहस, संकल्प, संयम और अनुशासन से कोरोना को परास्त कर भारत को विश्व-पटल पर एक अलग पायदान पर खडा करके अपने देश की एक अलग पहचान बनायेंगे। "उठो धरा के वीर सपूतों पुनः निर्माण करो। जन, जन के जीवन में, नई स्फूर्ति,नव प्राण भरो। हमें अपने सपनों के नये भारत के निर्माण में हर संभव प्रयास करने होंगे। यह देश, देशभक्तों का भारत है। यहां राणा प्रताप, शिवाजी, भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव और चंद्रशेखर आजाद ने जन्म लिया है। आऔ हम भारत के सुंदर भविष्य के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर भारत को विश्व गुरु बनाने में अपना योगदान करें।
Atmanirbhar Bharat is not a slogan alone, it's a mission. Each one of us has to be a part of the mission. Let us ensure that we give preference to what is Indian. The meaning of Atmanirbhar Bharat has been adequately explained by our Hon'ble PM, let's ensure that our India becomes Atmanirbhar. It definitely doesn't mean that we will not accept anything from outside. What it means that we should be capable of producing it indigenously even through collaboration or transfer of technology etc. We need to take it seriously in a mission mode and ensure that हमारा भारत आत्मनिर्भर बने। "तू शेरे हिन्द आगे बढ़, मरने से तू कभी न डर। उड़ा के दुश्मनों के सिर,जोशे वतन बढाये जा"। In the end once again my heartfelt thanks and sincere compliments to all the Covid warriors who are leading from the front and have put their lives in the line of fire. हम इनके जुनून और त्याग, तपस्या और बलिदान के आगे नतमस्तक हैं। यह देश हमारे इन सूरमाओं की निर्भीकता को हमेशा याद रखेगा। "सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा"।
"मिले सुर मेरा तुम्हारा तो स्वर बने हमारा"।
जयहिंद,जय भारत जय हिन्द की सेना।
हम हौगे कामयाब।
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